आप सब लोग जानते है की Young Generation में अलग अलग नशीले पदार्थों का इस्तेमाल हो रहा है| जैसे की Brown Sugar, Cocaine, LSD, Amphetamine ऐसे अनेक नए पदार्थों का इस्तेमाल Young Generation में दिख रहा है| आज मैं आपके सामने हाजिर हूँ एक नया टॉपिक या नया addictive substance इसके बारे में discussion करेंगे| उसका नाम है Cocaine
आज हम ये cocaine क्या है? कहाँ से उसको हासिल करते है? उसका effect body पे कैसे दिखता है? Addiction pattern कैसे होता है? Withdrawal Symptoms ये क्या है?इसका इलाज कैसे कर सकते है? इसी के बारे में discussion करेंगे?
Cocaine क्या है?
Cocaine Chemically एक alkalide stimulant है| या हम उसको Central Acting Brain Stimulant भी बोल सकते है| ये usually Coca Bush Plant जो है उसके leaves से इसको हासिल करते है| इस Cocaine addiction को crack Addiction भी बोलते है|
Cocaine के नाम क्या-क्या हैं ?
इस cocaine को अलग अलग नामों से भी जाना जाता है| जैसे की Coke, Snow, Stone Rock, Crack, Bernice, Blow, C, Charlie, Dust, Flake, Line, Nose Candy, Sneeze, Sniff, Snow, Toot, White, Yayo ऐसे अलग अलग नामों से Cocaine addiction को जाना जाता है|
Cocaine को कैसे लेते है ?
ये जो Cocaine Powder है वो अलग अलग रूट से उसका injection हो सकता है| जैसे की Intranasally हो, Snorting हो, Smoking हो, Intramuscular या Intravenous ये सब रूट से addiction हो सकता है| इस cocaine addiction को crack addiction भी बोलते है| इसका प्रमुख रीज़न है जब भी ये पावडर गरम करते है तो उसमें से crackling sound आता है आवाज आता है इसलिए उसको crack addiction भी बोलते है| कुछ पेशंट ये cocaine heroine के साथ लेते है| याने एक साथ लेने पे उसको Speed Ball भी बोलते है Speed Bowling बोलते है| Cocaine लेने के बाद पेशंट में या उस व्यक्ति में कौनसे बदलाव दीखते है| Cocaine लेने के बाद जो neurostrancefiter है वो है Dopamine उसका level बढ़ जाता है और वो है happy Hormone इसलिए पेशंट में या उस व्यक्ति में excitement ज्यादा दीखता है| Euphoric effect ज्यादा दिखता है|
दूसरे कुछ effects उस पेशंट में दिखते है जैसे की ज्यादा खुश होना, Grandiose Thinking, Impaired Judgement क्या कर रहा हूँ? कैसे कर रहा हूँ ये उसको समझ में नहीं आता| Sexual Disinhibition रहता है| Psychomotor Activity उसका बढ़ जाता है| Mood Elated रहता है| Blood Pressure कम ज्यादा रहता है| Excitement ज्यादा दिखता है| Pupillary Dilation या ऑखों की जो पुतली है उसका फैलाव दीखता है| Heart Rate बढ़ जाता है| ये सब बदलाव पेशंट में cocaine लेने के बाद दिखता है| High dose लेने के बाद पेशंट में कुछ मन की भी symptoms दिखते है| जैसे की Paranoid Ideation हो याने शक की बीमारी हो, या शक के लक्षण दिख सकते है|कोई तो लोग है मेरे बारे में बात कर रहे है| मेरे खिलाफ साजिश कर रहे है ऐसा भी पेशंट में दिख सकता है| कुछ पेशंट के कान में आवाज आता है| या उसको Auditory Hallucinations बोलते है| या Visual Hallucinations या तो ऑख के आगे अलग अलग चीजें दिखत है | ऐसे भी लक्षण पेशंट में दिख सकते है| अगर cocaine ज्यादा स्तर पर लेते है तो intoxication effect भी दिखते है| उसको हम crash भी बोलते है|
Crash Symptoms याने क्या?
उसमे उस पेशंट में psychological symptoms दिखते है जैसे की Dysphoric Irritable mood Decrease interest in pleasurable activities याने उसको कुछ कर में interest नहीं आता| Anxiety रहती है Irritable रहता है| ज्यादा तर फटिक रहता है| Hypersomnolence याने ज्यादा नींद आती है | ये symptoms mild to moderate level पे दिखते है| कभी severe level पे भी दिख सकते है और कुछ पेशंट में Severe Suicidal Ideation भी दिख सकते है| कुछ पेशंट में acute how full effects ज्यादा दीखते है| जो heart related है, जैसे की Cardiac Arrhythmia Myocardial Infarction याने हार्ट अटॅक का रिस्क ले सकते है| Myocarditis या Cardiomyopathy भी हम बोल सकते है| कुछ पेशंट में blood pressure बढ़ना stroke Cerebrovascular Accident या Respiratory Depression या coma में भी पेशंट ये जा सकता है| Long Term Effect Cocaine का अगर consider करेंगे तो उसका Effect Nasal Septum में है जो नाक में septum है उसका necrosis दीखता है|
अगर पेशंट female है तो उस पेशंट में अगर pregnancy के समय बच्चे में भी effect दिख सकता है| Fatal Damage हो सकता है| उसको कभी कभी crack babies भी बोलते है| Most important effect cocaine में दिखता है| वो है cocaine की वजह से मन की बीमारी | या हम बोल सकते है की Cocaine Induced Psychotic Disorder ऐसे पेशंट में Paranoid Delusions दिख सकता है|
कभी कभी cocaine bugs Hallucinations भी हम बोलते है,वो भी दिख सकते है| इसको हम Tactile Hallucinations या Formication भी बोलते है| cocaine bugs hallucinations या formication याने क्या? तो ऐसे पेशंट में उसके स्किन के नीचे कुछ कीड़े है रेंगते है। ऐसा उसको अनुभूति आता है और एहसास होता है।इसीको tactile Hallucinations भी बोलते हैऔर इसकी वजह से पेशंट बार बार वो कीड़े निकालने की कोशिश करता है।जैसे की उसको क्रैश करता है। कभी कभी खुदको injury भी करता है।
Cocaine Withdrawal Symptoms
अब हम Cocaine Withdrawal के बारे में बात करेंगे।Withdrawal Symptoms याने ऐसे symptoms जब पेशंट कुछ addictive substance नहीं लेता है।तो उसमें psychological physical symptoms दिखते है।
Irritable Mood, Decrease interest in pleasurable activities diasporic mood बोलते है। पेशंट चीड़ चीड़ करता है ज्यादा नींद आती है, गुस्सा करता है। कभी कभी suicidal ideation याने आत्महत्ये के विचार भी आते है। कुछ पेशंट आत्महत्या की कोशिश भी करते है। तो ये सब लक्षण पेशंट में withdrawal stage में दिख सकते है। इसी symptoms को crash symptoms भी बोलते है।
अब हम cocaine की लत क्यों लगती है ?
Most important factor है वो है imitation या अनुकरण बोलते है। घर में अगर माँ बाप अगर addiction करते है। अगर घर में कोई रिश्तेदार addiction करता है।तो बच्चों में या लोगों में imitate करना या अनुकरण करने का एक factor जिसकी वजह से कुछ पेशंट नशे की शुरुआत कर सकते है। दूसरा एक प्रमुख रीज़न है। जिज्ञासा या curiosity बोलते है। बच्चों में या लोगों में एक curiosity factor है। उनको लगता है की नशीले पदार्थ क्या है? उसका effect कैसे होता है? उसका हम कैसे फील करें। ये सब जानने के लिए curiosity के वजह से कुछ बच्चे या कुछ लोग addiction शुरुआत कर सकते है और एक important factor है वो है peer pressure या दोस्त लोगों का दबाव।
कुछ लोग ऐसे रहते है, की अगर किसी को कुछ नए आदमी को या नए बच्चें को ग्रुप में लेन है तो साथ में रखना है तो condition डालते है, की तुम्हे एक बार तो वो नशा करना है, टेस्ट करके भी देखना है, इसकी वजह से शुरुआत हो सकती है। कुछ लोगों में tension दूर करने के लिए नशे का इस्तेमाल होता है। याने anxiety हो , डर हो, घबराहट हो, स्ट्रेस हो , डिप्रेशन हो तो ये सब दूर करने के लिए नशीले पदार्थो का इस्तेमाल हो सकता है और एक important factor है personality याने अगर personality disorder पेशंट में हो Antisocial Personality Disorder हो, Borderline Personality, Histrionic Personality disorder हो तो ऐसे पेशंट में Thrill Seeking Behaviour रहता है। याने नया नया कुछ तो देखेंगे, कुछ तो try करेंगे। कुछ risky behaviour या risk लेंगे ऐसा सोचते तो ऐसे पेशंट में भी ये नशे की लत शरुआत हो सकती है और एक important factor वो है Genetic Or Hereditary Factors बोल सकते है। घर में अगर माँ या बाप दोनों अगर नशा करते है। तो आने वाले जो generation है नेक्स्ट generation है उनमें भी ये addiction का risk रह सकता है। क्योंकि कुछ genetic factors Jens ये addiction के लिए responsible रहते है।
Cocaine Deaddiction कैसे कर सकते है?
Management के पहले Investigations करना जरूरी है, जैसे की complete blood count हो, liver function test हो, Kidney Function test हो या Urine routine microscopy हो कभी कभी sonography या पेट का sonography या x-ray – chest भी करवाना पड़ सकता है। Pharmacotherapy में कुछ drugs ऐसे है जो withdrawal management में helpful हो सकते है। Anti Anxiety Drugs हो, Benzodiazepines जैसे Clonazepam, Alprazolam, Lorazepam, Diazepam का भी हम use कर सकते है। पेशंट में अगर Depressive Symptoms है तो Antidepressant, Psychotic Symptoms है तो Antipsychotic या Mood disorder symptoms है तो Mood Stabilizer का भी हम Use कर सकते है।
कुछ पेशंट में anti craving drugs भी हम use कर सकते है। anti craving drugs याने ऐसे drugs जो frequency of quantity जो drug है, उसका कम कर सकते है और एक important factor है की पेशंट को कैसे इलाज कर सकते है जैसे की OPD बेसिस या IPD बेसिस पे अगर पेशंट Willing है तो उसको OPD बेसिस पे Treatment सकते है। पेशंट अगर cooperative नहीं है violent है ज्यादा problems है तो ऐसे पेशंट को admit करके भी इलाज कर सकते है। Drug therapy और एक रूल है वो वो है counselling का याने Individual Patient Counselling या family के जो भी close members है उनका counselling या group counselling भी कर सकते है। कभी कभी Rational Emotive Behavior Therapy या Cognitive Behavioral Therapy का Use हम कर सकते है।
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डॉ. चंद्रशेखर हळींगळे
(M.B.B.S., D.P.M)
मानसोपचार आणि व्यसनमुक्तीतज्ज्ञ निर्मल हॉस्पिटल व व्यसनमुक्ती केंद्र, मिरज.
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