Cannabis याने इसको हम हिंदी में भांग गांजा चरस भी बोल सकते हैं| इसकी लत कैसी लगती है? उसका इफ़ेक्ट कौन-कौनसा है? और इससे हम छुटकारा कैसे पा सकते है? इसके बारे में आज हम discussion करेंगे|
Cannabis क्या हैं ?
ये जो Cannabis है वो एक female plant से निकलता है| उसका नाम Cannabis sativa है| उसमें ६० से ज्यादा psychoactive cannabinoids याने psychoactive components भी जिसको बोल सकते है उसमें से एक important factor या component है, उसका नाम है 9 Tetrahydrocannabinol | भांग गांजा चरस ये तीन प्रोडक्ट्स एक ही प्लांट्स से निकलते है| हम prevalence अगर consider करेंगे तो लगभग 3 – 4 प्रतिशत लोगों में दिखाई देता है | इसका use 15 से 65 तक किसी भी age में दिखाई देता है|
Cannabis को कोनसे नाम से जाना जाता हैं ?
Cannabis को अलग अलग नाम से जाना जाता हैं | जैसे की भांग, गांजा , चरस इसके अलावा और कुछ दूसरे नाम है, जैसे की इसको Weed, Stuff, Maal, Pot, Grass, Marijuana, Dope, Boom, Spice, K2, Kush, Potpourri, Skunk, Aroma, Moon Rocks, Genie इस नाम से भी जाना जाता हैं|
Cannabis Clinical Use क्या हैं?
Cannabis के synthetic marijuana products भी थे जैसे की Indian Warrior, Rose Hip, Dwarf Skullcap, Beach Bean| ये चार synthetic marijuana products भी use हुआ करते थे| cannabis की अगर हम हिस्ट्री देखेंगे, तो उसका पहले clinical Use बहुत ज्यादा था जैसे की Antiemetic Effect याने जो cannabis हैं, उसका पहले vomiting रोकने के लिए use करते थे| कभी कभी Appetite Stimulation & Cachexia में भी use करते थे| याने भूख बढ़ाने के लिए cannabis का use करते थे| Anticonvulsant याने कभी कभी पेशंट को फिट की बीमारी या convulsion की बीमारी बोलते है | इसमें cannabis को Anticonvulsant जैसे भी use किया था| Analgesic याने pen killer जैसे भी उसको use किया था| Neurological & Movement Disorder में भी इसका use था | जैसे की कुछ involuntary movements रहते है neurological ? condition थे जो ये fast ये cannabis में use किया था| इसके अलावा Glaucoma एक ऑखों का condition है जिसमें intraocular pressure बढ़ जाता है तो पहले Glaucoma में भी ये use किया गया था| इस तरह से पहले भी cannabis का clinical use किया गया था| ये जो भांग /गांजा /चरस है ये female plant Cannabis Sativa के अलग अलग पार्ट से बनता है| जैसे की, भांग जो है वो Leaves or Seeds से बनता है| गांजा Flowering Or Fruit Top Of Plant से बनता है| चरस है वो resin Rubbing Top Of Live Plants से बनता है|
भांग, गांजा, चरस में Difference क्या हैं ?
भांग,गांजा,चरस ये तीन products है इनमे मेजर difference है concentration का| वो concentration, 9 Tetrahydrocannabinol जो component है उसके concentration की वजह से इसको divide किया है Mild /Moderate /Severe| अब हम ये जो तीन product है उनमें Concentration Exactly कितना होता है उसका जो source है याने किससे बनता है और वो कैसे लिया जाता है उसके बारे में discussion करेंगे|
भांग में concentration d9 thc < 0. 5 % रहता है और वो oral route से लेते है |
गांजा में concentration 0.5 – 5% रहता है | This is Smoked In A Pipe With Or without Tobacco| याने कभी कभी tobacco साथ में लेते है वरना गांजा लेते हैं |
उसके बाद आता है चरस| चरस में concertation 2 – 8% रहता है उसको Hashish भी बोलते है | ये smoking with or without Tobacco के साथ लेते है| कभी कभी चरस खाने में भी मिलाते हैं और खाते हैं|
Hashish क्या हैं ?
उसके बाद हैं चरस का higher Concentration जिसे बोलते हैं Hashish Oil उसमें Concentration 15-20% रहता हैं| Hashish Oil सिगरेट में डालते हैं| पाइप या जॉइंट में ड्रॉप्स डालते है और कभी कभी oil गरम करते हैं और इन्हेल भी करते है | भांग का use अलग अलग महोत्सव में करते है जैसे की होली हो, महाशिवरात्री हो इस समय भांग का consumption ज्यादा रह सकता है | इसे कभी कभी दूध में मिलाते है, लस्सी में भी मिलाते है, भांग के पकोड़े भी बनाते हैं, भांग को गोले भी मिलते है| उसको Mahakal Munakka या Bhola Munakka के नाम से जाना जाता हैं| ये जो भांग है उसको जॉइंट भी बोलते है और Joint तैयार करने के लिए अलग अलग तरह के पेपर use करते हैं| जैसे की Butter Paper, Rizla Paper या Gogo Paper ऐसे अलग अलग तरह के पेपर use कर सकते हैं| अब हम ये नशा करने के बाद शरीर में कौनसे बदलाव होते है उसके बारे में बात करेंगे|
भांग, गांजा, चरस के EFFECTS क्या हैं ?
कोई भी व्यक्ति भांग , गांजा , चरस लेता हैं उसमें तुरंत कुछ chemicals बढ़ जाते हैं जैसे की Dopamine | Dopamine को happy Hormone बोला जाता है| तो कोई ये नशा करेगा तो उसे ख़ुशी का एहसास होता हैं| Euphoria का effect लगता हैं| relax महसूस होता हैं| कुछ पेशंट बोलते है की मेरा दर्द कम होता है| कुछ पेशंट बोलते है मेरा Digestion अच्छा होता है, नींद अच्छी आती हैं| कभी भी कोई पेशंट ये नशा करता है तो इसका effect 30 मिनिट के बाद दिखाई देता हैं और इसका effect 6 से 12 घंटे तक रह सकता हैं| कुछ पेशंट में हम urine Drug Screening करते हैं| cannabis यूरिन में 2 से 4 हप्ते तक दिखाई दे सकता हैं|
Cannabis का ज्यादा सेवन करेंगे तो उसको intoxication भी बोलते हैं| intoxication के effects भी अलग अलग दिखाई देते हैं| जैसे की ऑखें लाल होना, हार्ट रेट बढ़ना , खांसी आना, मुँह सुखना , पानी पिने का मन करना, ज्यादा भूख लगना, ज्यादा मीठा खाने की इच्छा होना , चिड़चिड़ाहट होना, याददाश्त कम होना, कभी कभी घबराहट होती है, डर लगता है, कभी कभी sensitive to external stimuli बढ़ जाता है और sensation के Perception मे बदलाव आता है| Depersonalization, Derealization , Impaired Motor Skills भी दिखाई दे सकते है| कभी कभी Acute Intoxication में Paranoid Ideation याने शक आता हैं, ख़ुदकुशी के ख्याल आते है, मरीज ख़ुदकुशी की कोशिश भी करता हैं तो इस तरह से intoxication में अलग अलग लक्षण दिखाई देते हैं|
Cannabis Side Effects
अब हम cannabis का use अगर ज्यादा दिन के लिए करेंगे तो उसके कौनसे side effects या physical effects हो सकते है उसके बारे में discussion करेंगे| जैसे की cerebral Atrophy याने Degeneration of brain कह सकते है|इसमें brain का size कम हो जाता हैं| Seizure Susceptibility याने फिट की बीमारी हो सकती हैं | Chromosomal Damage याने Birth Defect भी हो सकता हैं| Chromosome में Abnormalities आ सकती हैं| Impaired Immune Reactivity याने Immunity कम हो जाती हैं| Alteration In Testosterone Concentration जो male hormone है वो है Testosterone तो उसको Concentration में प्रोब्लेम आ सकता हैं| Female में Menstrual Cycle है उसमें dysregulation हो सकता है| ऐसे physical effects भी cannabis द्वारा दिखाई दे सकते हैं | कुछ पेशंट में ये cannabis long-term use करने के बाद A motivational Syndrome भी दिखाई दे सकता है| A motivational Syndrome याने It is a Chronic use which Leads to state of Apathy and Incoordination | हम सिंड्रोम में इंटरेस्ट कम होना, आलस दिखाई देना, Concentration कम होना, अपने आप में ही रहना, Motivation कम रहना, Suicidal Ideation आना ये सब लक्षण दिखाई देते हैं| जब कोई भी पेशंट को हम cannabis addiction बोलते है तो इनमें से 50% पेशंट में कुछ न कुछ अलग मानसिक बीमारी रहती हैं| जैसे की Personality Disorder हो, Depression की बीमारी हो, Mood Disorder हो, Anxiety Disorder हो या schizophrenia , या Delusional Disorder ऐसे जो मानसिक आजार है इनमें से कोई भी बीमारी पेशंट में दे सकती हैं|
Withdrawal Symptoms
अब हम Withdrawal Symptoms के बारे में बात करेंगे| cannabis में psychological dependence होता है| physical/Physiological Dependence कम होता है या नहीं होता हैं ऐसा माना गया हैं| psychological dependence याने जब भी पेशंट को cannabis नहीं मिलता है तो उसे psychological symptoms दिखाई देते है| Irritable रहना, Concentration कम होना, Mood Low रहना, चिड़चिड़ करना , गुस्सा आना, छोटी छोटी बातों पे irritate होना ऐसे कई लक्षण दिखाई देते हैं|
Management of Cannabis Dependence
अब हम Management of Cannabis Dependence याने भांग, गांजा, चरस से कैसे छुटकारा पा सकते है, इसके बारे में discussion करेंगे| कोई भी पेशंट हमारे यहाँ treatment के लिए आता हैं| तो कुछ पेशंट में investigation करना जरूरी हैं| पेशंट आने के बाद हम Routine Blood Test, Liver function test kidney function test करवाते हैं| जरूरत पड़ने पर Sonography हो, x-ray chest हो ये भी हम करवाते है| कभी कभी ये जो cannabis हैं वो detect करना जरुरी पड सकता है इसलिए हम Urine screening test भी करते है| cannabis blood में दिखाई दे सकता है, urine में दिखाई दे सकता है , Sweat में है, बाल में भी इसके meta bloods दिखाई दे सकते है| शुरू में हम benzidine का use करते है जैसे की Clonazepam हो, Alprazolam हो, Diazepam हो , Lorazepam हो तो ऐसे benzidines का भी शुरू में anesthesia भी use करते है|
इसके बाद हम Pharmacotherapy का plan करते है जैसे की withdrawal management अगर पेशंट irritable है जो psychological dependence है जो भी symptoms है उसके अनुसार हम treatment देते है| अगर पेशंट को Nausea Vomiting है तो हम Antiemetic देते है कुछ पेशंट में जो अगर Depression है वो Anxiety Depression के reference देते है, Psychosis है तो Antipsychotic, Mood Disorder है तो Mood Stabilizer का use हम करते है| Treatment option में ऐसे पेशंट हम OPD बेसिस पे भी कर सकते है, तो कुछ पेशंट को हम Admit भी करना पड़ सकता है| अगर पेशंट cooperative है, violent नहीं है, शांत है तो उसको हम OPD बेसिस पे Treatment देते है| अगर पेशंट ज्यादा violent हैं, cooperative नहीं है cannabis case के अलावा उसको अगर मानसिक बीमारी जैसी Schizophrenia है , Bipolar Mood Disorder है |
अगर cannabis के साथ पेशंट की दूसरे नशे की भी बीमारी है जैसे की Alcohol हो, Brown Sugar हो तो ऐसे पेशंट को कभी कभी admit करना पड़ सकता हैं| कुछ पेशंट में हम Nicotine Treatment का भी plan करते है| जैसे की गांजा हो, Nicotine के साथ Cocaine करते समय Tobacco के साथ लेते हैं इसलिए Tobacco के Addiction का Treatment करेंगे तो Practically cannabis का जो Addiction है वो छूट सकता है | Nicotine का Treatment करना Cannabis के पेशंट में जरुरी है ऐसा नहीं है |
Practically हमारा Experience ऐसा है अगर पेशंट Nicotine का treatment करेंगे तो उसका cannabis की ओर जाने का risk कम हो जाता है|
Cannabis Dependence में Counselling का क्या Role होता हैं ?
इसके बाद counselling का role है| Counselling of patient हो , Counselling of relative या counselling of close family members ये important role करता है| counselling में हम कभी कभी Rational Emotive Behavior Therapy या Cognitive Behavior Therapy का भी use करना पड़ सकता है| इसके बाद role आता है Motivational Enhancement Therapy याने हम पेशंट का Motivation Interview लेते है, Motivation develop करने की कोशिश करते है| Goal setting में हम उसको मदद करते हैं| तो इस तरह से हम Pharmacotherapy हो या counselling से ये cannabis से छुटकारा पा सकते है| Duration of Treatment कुछ पेशंट में तीन महीने सकता है| कुछ पेशंट छह में आठ महीने तक भी हो सकता है| cannabis के अलावा अगर पेशंट में दूसरी मानसिक बीमारी है तो ये जो treatment है उसका duration बढ़ सकता है| तो इस तरह से आज हमने cannabis याने भांग, गांजा, चरस के बारे में discussion किया है | अगले session में नये addiction के बारे में discussion करेंगे |
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डॉ.चंद्रशेखर हळींगळे
(M.B.B.S., D.P.M)
मानसोपचार आणि व्यसनमुक्तीतज्ज्ञ निर्मल हॉस्पिटल व व्यसनमुक्ती केंद्र, मिरज
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